क्या होशंगाबाद की ख़स्ता क़ानून-व्यवस्था से नाराज़ है शिवराज!


राजवर्धन बल्दुआ,भोपाल:-होशंगाबाद ज़िले में संभवतः यह पहली बार हुआ होगा की कुछ घंटे के अंतराल में ही कलेक्टर-SP का तबादला आदेश राज्य सरकार ने जारी किया हो।सूबे की शिवराज सरकार द्वारा आज देर शाम जारी थोक बंद तबादला आदेश में पहले कलेक्टर धंनजय सिंह भदौरिया का तबादला मंत्रालय में किया गया तो वही कुछ घंटे बाद ही जारी लिस्ट में ज़िले के नए SP के रूप में डॉ.गुरुकरण सिंह का नाम सामने आ गया।ज़िले की राजनीति को काफ़ी नज़दीक से जानने वालों की माने तो ऐसा पहली बार हुआ है की होशंगाबाद ज़िला कलेक्टर एवं SP को कुछ घंटे के अंतराल से बदला गया हो।कुछ लोग इसे प्रदेश भर में हुई प्रशासनिक सर्जरी का हिस्सा बता रहे है तो कुछ जानकारो का मानना है की ज़िले भर में क़ानून-व्यवस्था को लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान काफ़ी नाराज़ थे।बार-बार ज़िले के जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही शिकायतों को भी गंभीरता से लेते हुए न केवल SP-कलेक्टर को बदला गया है।बल्कि होशंगाबाद रेंज IG के रूप में ज़िले की पूर्व SP दीपिका सूरी को पदस्थ किया गया है।दीपिका अपराधियों के प्रति काफ़ी तर्रार रुख़ के लिए जानी जाती है।सूत्र बताते है की मुख्यमंत्री के विशेष रुचि वाले होशंगाबाद में अब “चौहान”किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।जिसके चलते ही एक दिन में इतना बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया है।

*पुलिसकर्मीयो के ब्लैक मेलिंग गिरोह ने बटोरी थी सुर्ख़ियाँ*

होशंगाबाद में कुछ माह पहले ही पुलिसकर्मीयों के एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश हुआ था।जो की होटलों में मिलने वाले प्रेमी जोड़ो पर दबिश दे कर ब्लैक मेलिंग का धंधा चला रहे थे।इस प्रकरण में राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश की बड़ी बदनामी हुई थी।पुलिस की वर्दी पहन कर बदमाश जुआ अड्डो पर देखे जा रहे थे।ज़िले के कई थानो में पुलिस वालों एवं अपराधियों की दोस्ती काफ़ी चर्चा का विषय बन गई थी।आम जनता एवं पुलिस के बीच का संवाद ख़त्म सा हो गया था।आख़िरी में होशंगाबाद में तथाकथित भाजपा नेता संजीव मिश्रा वाले प्रकरण में भी पुलिस की लापरवाही एक बड़ा कारण बन कर उभरी है।

*फ़ाइलों की धीमी रफ़्तार बनी कारण*

कलेक्ट्रेट के सूत्रों की माने तो कार्यालय में फ़ाइलो की धीमी रफ़्तार धंनजय सिंह के तबादले का बड़ा कारण मानी जा रही है।जनप्रतिनिधियो  के काम को “हाँ”बोल कर उसे आदेश में तब्दील करने में कलेक्टर काफ़ी समय लगाते थे।जिसके चलते ही ज़िले के कई जिम्मेदार जनप्रतिनिधि उनसे नाराज़ बताए जा रहे है।वही एक दिन पहले सिवनि मालवा में CM शिवराज के कार्यक्रम में भदौरिया को हटाने की रूप रेखा बनी है।जबकि अगले कुछ माह में उनका प्रमोशन होना है।जिसके बाद ही वह ज़िले से जाना चाहते थे।परंतु ऐसा नहीं हो सका।

*कार्यालय में ज़्यादा समय देते थे SP*

ज़िले में इस बात को लेकर भी काफ़ी चर्चा थी की SP संतोष सिंह गौर अपने कार्यालय में ज़्यादा समय दिया करते थे।जबकि पुलिस विभाग में SP स्तर का जो अफ़सर जितना ज़्यादा दौरा करेगा उतनी ज़्यादा क़ानून व्यवस्था टाइट रहा करती है।परंतु गौर को मैदान में कम दौरा करना एवं अपने अधिनस्थो पर अतिविश्वास करना काफ़ी महँगा साबित हो गया जबकि सत्ता के गलियारों में यह चर्चा काफ़ी ज़ोरों पर थी की संतोष सिंह की कुर्सी फ़िलहाल कोई नहीं हिला पा रहा है।परंतु इसके बाद भी उनका तबादला होना बता रहा है की मुख्यमंत्री के निजी रुचि वाले होशंगाबाद ज़िले को किसी भी आला अधिकारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

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