राईस मिलर्स द्वारा की जा रही अघोषित कांट्रेक्ट फ़ार्मिंग के फैल होने पर ज़िम्मेदार कौन होगा!


पिपरिया:-इलाक़े के धान रोपने वाले किसानो को हर कोई लूटने में लगा हुआ है।पिछले वर्ष तक कांट्रेक्ट फ़ार्मिंग के नाम पर कई कम्पनी इनको लूट रही तो वही वर्तमान में स्थानीय राईस मिलर्स इनको लूटने में लगे हुए है।इलाक़े के कई मिलर्स इन किसानो के साथ अघोषित रूप से कांट्रेक्ट फ़ार्मिंग कर रहे है।इसमें मौखिक रूप से किसानो की धान फसल को घरों से ख़रीदने का कांट्रेक्ट किया गया है।किसानो को लालच दिया जा रहा है की बाजार मूल्य से ज़्यादा दाम पर आपकी फसल को ख़रीदा जाएगा।परंतु इसकी कोई भी लिखा-पढ़ी नहीं हो रही है।यह काम कुछ कीटनाशक दवा विक्रेता एवं राईस मिलर्स मिल कर रहे है।इसके लिए इन कीटनाशक दवा विक्रेताओं का मोटा कमीशन तय किया गया है।परंतु इस पूरे कांट्रेक्ट की क्या-क्या शर्तें रहेंगी यह अभी स्पष्ट तय नहीं किया गया है।इसके चलते यदि फसल बेचने के समय कोई विवाद आता है तो उसे सरकार के विभिन्न विभाग कैसे हल करेंगे इसका कोई भी खाखा नहीं बनाया जा रहा है।वही देश के सिस्टम में यह रच-बस चुका है की जब कोई समस्या आती है तभी उसका समाधान भी खोजा जाता है।इसी तर्ज़ पर फ़िलहाल कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है।दूसरी ओर किसानो का कहना है की राईस मिलर्स एवं कीटनाशक दवा विक्रेता स्थानीय है इसके कारण कोई दिक़्क़त नहीं आएगी।

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