छूट-पुट सटोरियों पर कार्यवाही करती पुलिस,बड़े खाईबाजो को अभयदान!



पिपरिया:-इलाक़े में इन दिनो आँकड़े पर दांव लगाने का काम बहुत तेजी से चल रहा है।इस सट्टे के व्यापार में जंहा युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है तो वही खाईबाज रोज़ाना लाखों के वारे न्यारे कर रहे है।पिपरिया पुलिस सटोरियों पर कार्यवाही के नाम पर लीपपोति कर कुछ छोटे सट्टा लिखने वालों को पकड़ कर अपनी पीठ थपथापाने में जुटी हुई है।परंतु आम जनता का कहना है कि सभी को मालूम है की असली और बड़े खाइबाज कौन है।परंतु इसके बाद भी इन लोगों को क्यों नहीं पकड़ा जाता है।शहर का मंगलवारा थाना हो या स्टेशन रोड थाना हो हर जगह सट्टा का मकड़ जाल फैला हुआ है।इसके बाद भी पुलिस को यह सट्टा बंद नहीं करा पा रही है।वही आए दिन होने वाली छोटी-छोटी कार्यवाही बड़े सटोरियों के समर्थन में होती दिख रही है।जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार काफ़ी गर्म है।

सालीचौका का बुकी पिपरिया से कर रहा व्यापार

एक ओर तो पुलिस छोटे सटोरियों को पकड़ रही है तो दूसरी ओर पचमढ़ी रोड पर शहर के बाहर स्थित एक कालोनी में रहने वाले सालीचौका निवासी क्रिकेट का सट्टा खिलाने वाले बुकी पर कोई भी हाथ नहीं डाल रहा है।बताया जाता है की इस बुकी के पास तो 3 ज़िलों का सट्टा व्यापार उतर रहा है।इसके साथ क्रिकेट का सट्टा खिलाने वाले स्थानीय बुकी भी आँकड़े के खेल में शामिल है।वही युवाओं से क्रिकेट सहित अंको के खेल में दुगनी वसूली करने वाले इन बुकियो का रोज़ाना सूखा धंधा लाखों में जाता है।यही कारण है की शहर में बेरोक टोक सट्टा व्यापार चल रहा है।

निचले स्टाफ़ को पता है कौन खिलाता है सट्टा

दोनो थाने में तैनात निचले स्टाफ़ को पता है की आख़िर शहर में आँकड़ो का सट्टा एवं क्रिकेट का सट्टा कौन-क़ौन खिला रहा है।परंतु इन बुकियों एवं सटोरियों पर कार्यवाही नहीं होती है।वही मैदान में तैनात कई स्टाफ़ तो क्रिकेट बुकियो के साथ दोस्ती को लेकर काफ़ी चर्चा में है।ऐसे कई पुलिस वाले है जो बड़ी बड़ी पार्टियों में भी शरीक होते है।इसके चलते ही पुलिस की रणनीति इन बुकियों एवं सटोरियों को पता चल ज़ाया करती है।

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