पिपरिया के थानो की 100 डायल ख़राब,बनखेड़ी के भरोसे क्षेत्र की जनता!


पिपरिया:-एक ओर सूबे का गृह विभाग 100 डायल सर्विस को लेकर अपनी पीठ थपथपाने में लगा हुआ है।तो वही दूसरी ओर पिपरिया के दोनो थानो में पिछले कई दिनो से डायल 100 वाहन नहीं है।ऐसे में यदि किसी को 100 डायल से मदद लेना हो तो उसके लिए कंट्रोल रूम से बनखेड़ी का वहान भेजा जाता है।पिपरिया में जनता की सेवा व सुरक्षा के लिए मंगलवारा थाना एवं स्टेशन रोड थाने में 100 डायल वहान की सुविधा दी गई थी।जिससे आम जनता को तुरंत पुलिस की मदद मिल सके परंतु कई महीनो से ख़राब पड़े इन वाहनो के कारण यह सुविधा जनता को नहीं मिल पा रही है।वही पुलिस के इन आधुनिक वाहनो के खड़े होने का एक निश्चित स्थान तय था।जंहा 100 डायल के कारण आम जनता को पुलिस की मौजूदगी दिखाई एवं महसूस हुआ करती थी।परंतु इन वाहनो के नहीं होने से राहगीर सहित पुलिस स्टाफ़ भी बहुत चिंतित है।मंगलवारा टी.आई अजय तिवारी के अनुसार कई बार पत्राचार किया जा चुका है।परंतु वाहन सुधर नहीं रहे है।श्री तिवारी का कहना है की 100 डायल के कारण अधिकतर अपराध रुक जाते है।लड़ाई-झगड़े की सूचना सीधे 100 डायल पर मिल जाती है।कंट्रोल रूम से ही पुलिस व्यवस्था एवं मदद पहुँचा दी जाती है।परंतु अब वाहन नहीं होने के कारण बहुत दिक़्क़त हो रही है।

*बनखेड़ी के भरोसे पिपरिया की जनता*

पिपरिया थानो में लगी 100 डायल वाहन ख़राब हुए कई महीने हो चुके है।यदि विपत्ति में कोई 100 डायल करता है तो उसको बनखेड़ी थाने में लगे वाहन से मदद भिजवाई जाती है।ऐसे में कई बार पुलिस पहुँचने में बहुत देर हो ज़ाया करती है।सूत्रों की माने तो सोहागपुर थाने में भी बनखेड़ी से ही कई बार 100 डायल भेजी जा रही है।जिससे आम जनता को समय रहते पुलिस की मदद नहीं मिल पाती है।

*महिला आरक्षक से हुई थी अभद्रता*

रक्षा बंधन के दिन स्टेशन रोड थाने में पदस्थ महिला आरक्षक जब थाने से घर जा रही थी तो पचमढ़ी बस स्टैंड पर एक शराबी चाकू लहरा कर आतंक मचा रहा था।आरक्षक ने जब उसे रोकने की कोशिश की तो वह महिला आरक्षक से ही अभद्रता पर उतारू हो गया था।गौरतलब है कि 100 डायल वाहन इसी क्षेत्र में खड़ी रहती थी।परंतु उस दिन वाहन नहीं होने के कारण थाने से स्टाफ़ बुलाना पड़ा था।जिसके आने में देर भी हो गई थी।आम जनता का कहना है की यदि उस दिन 100 डायल वाहन होता तो उसमें बैठा पुलिस स्टाफ़ तुरंत महिला आरक्षक की मदद कर सकता था।

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