मुख्यमंत्री शिवराज की पोस्ट के राजनैतिक मायने!

 

राजवर्धन बल्दुआ,पिपरिया

सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान राजधानी के अपने व्यस्ततम कार्यक्रमों को छोड़ कर अचानक परिवार सहित बुधवार को पचमढ़ी में थे।सूत्रों की माने तो पत्नी साधना सिंह का जन्म दिन मनाने के लिए शिवराज अपने पुत्र कार्तिकेय और कुणाल के साथ सतपुड़ा की हसीन वादियों में पहुँचे थे।हमारे सूत्र बताते है कि बुधवार की रात 12 बजे चौहान परिवार ने रविशंकर भवन में “साधना सिंह” का जन्म दिन केक काट कर मनाया तो वही गुरुवार को CM फ़ैमली ने रविशंकर भवन में अलग-अलग पौधारोपण कर प्रकृति बचाने का संदेश भी दिया है।



राजनीति के जानकारो के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पचमढ़ी से अपने विरोधियों को करारा जवाब देते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा है की “मेहनत का फल इसे ही कहते है”इसमें शिवराज 16 अगस्त 2016 को उनके द्वारा पचमढ़ी के रविशंकर भवन में लगाए गए आम के पेड़ को दिखाते हुए कहते है।जिसमें इन दिनो फल लगे है।यह पोस्ट पिछले दिनो सूबे में चली नेतृत्व परिवर्तन की बकवास अफ़वाहों का कारगर जवाब भी है।जिसमें “शिवराज”का इशारा प्रदेश की सत्ता की ओर है।इस सत्ता का पौधा “शिवराज सिंह चौहान” ने लगाया है।जिसका फल भी वही चखने का दम भरते नज़र आ रहे है।दरअसल अचानक मध्य प्रदेश में भाजपा नेताओ के बीच मेल मुलाक़ात का दौर शुरू हो गया था।जिसे सूबे में नेतृत्व परिवर्तन की क़वायद बता दिया गया।यह अफ़वाह पार्टी के अंदर ही “शिवराज”विरोधियों ने फैलाई थी।परंतु इन अफ़वाहों से बेफ़िक्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान” पत्नी का जन्म दिन मनाने पचमढ़ी पहुँचे और वर्ष 2016 में अपने द्वारा लगाए गए आम के पेड़ में आए फल को दिखाते हुए विरोधियों को संदेश भी दिया की “मेहनत का फल इसे ही कहते है”यह वही फल है जिसे शिवराज ने बहुत मेहनत से मध्य प्रदेश में लगाया है।जिसका फ़ायदा प्रदेश की जनता के साथ ही भाजपा कार्यकर्ता भी उठा रहे है।फिर चाहे वह सत्ता कांग्रेसीयो के मुँह से छीन कर क्यों न लाई गई हो।मुख्यमंत्री कैम्प की माने तो हर कोई ऐरा-ग़ैरा आ कर शिवराज को अस्थिर कर दे यह फ़िल्वक्त संभव नहीं है।क्योंकि प्रदेश की राजनीति (कांग्रेस-भाजपा)में “शिवराज सिंह चौहान”ही एक मात्र जननेता है।जिनको वाकई में जनता दिल से चाहती हैं।

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