नियम विरुद्ध करवाया गेहूं का भंडारण,अब उठाव के समय सारे नियम बता रहे वेयर हाउस मालिक!


पिपरिया:-सरकारी गेहूं ख़रीदी में करोड़ों रुपयों का गोल माल हर साल किया जाता है।इसमें वेयर हाउस में गेहूं भंडारण के लिए प्रदेश शासन के कई नियमो को तोड़ कर गोदाम मालिकों को जम कर फ़ायदा पहुँचाया जाता है।वेयर हाउस मालिक साम-दाम-दंड भेद से अपने गोदामों की मनचाही मैपिंग करा लिया करते है।जिससे की इनको हर साल लाखों रुपए का सरकारी किराया भुगतान आसानी से मिल सके।परंतु जब सरकारी एजेंसियाँ गेहूं का उठाव करने पहुँचती है तो यही गोदाम मालिक तरह-तरह के नियम बता कर गेहूं उठाव से रोकने का प्रयास किया करते है।ऐसा ही एक वाक्या शहर के सबसे बड़े वेयर हाउस मालिक के साथ हुआ जब उनकी गोदाम में FCI के अधिकारी गेंहु उठाव करने पहुँचे तो उन्होंने कई तरह के नियम बताते हुए अधिकारियों के साथ जम कर विवाद किया।उक्त गोदाम मालिक का कहना था की केवल मेरे वेयर हाउस से ही क्यों माल उठाया जा रहा है।दूसरे गोदाम मालिकों को छोड़ दिया जाता है।कई गोदामों में पिछले कई वर्षों का पुराना गेहूं स्टाक किया गया है।इसमें से आख़िर क्यों उठाव नहीं किया जाता है।गोदाम मालिक से विवाद की स्थिति में गेंहु से भरे ट्रक घंटो गोदाम में खड़े रहे।विवाद करने वाले खाद-बीज व्यापारी के कई वेयर हाउस है।जिसमें से अधिकतर इसी साल बने हुए है।जिनमे सरकार ने सबसे पहले गेंहु का भंडारण कर दिया है।सूत्रों की माने तो अधिकारियों की साँठ-गाँठ से इनके गोदामों को मैपिंग काफ़ी नज़दीक बता कर जोड़ दिया गया जबकि नियमानुसार इनके सभी गोदामों की दूरी कई किलो मीटर दूर आ रही है।परंतु फिर भी इनको फ़ायदा पहुँचाने का काम किया गया है।जब नियम विरुद्ध गेंहु का भंडारण हो रहा था तब गोदाम मालिक ने कोई आपत्ति नहीं लीं परंतु अब जब गेंहु का उठाव होने लगा तो उनको शासन के कई सारे नियम याद आ रहे है।वही सूत्र बताते है की अब वेयर हाउस मालिक एक दूसरे की शिकायत भी करने लगे है।

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