कांट्रेक्ट फ़ार्मिंग के नाम पर फिर किसानो को ठग रहे कीटनाशक दवा विक्रेता!
:-पिछले वर्ष ठगा चुके है कई किसान:-
पिछले वर्ष भी इसी तरह की अनुबंध की खेती के मामलों में इलाक़े के सैकड़ों किसानो के साथ इस तरह की ठगीबाज़ी की जा चुकी है।गत वर्ष फ़ॉरचून नामक कम्पनी ने कई किसानो की धान की फसल को लैब रिपोर्ट में फैल बता दिया था।क्योंकि इस समय धान का मंडी रेट 3 हज़ार रुपए क्विंटल हो गया था।जिसके कारण फ़ॉरचून को 100 रुपए क्विंटल बढ़ा कर किसानो की फसल ख़रीदना था।परंतु बढ़ते दाम के कारण कम्पनी ने किसानो को जम कर परेशान किया था।मामले में पिपरिया SDM नितिन टाले ने कड़ी कार्यवाही करते हुए कुछ किसानो की फसल तो कम्पनी को बिकवा दी थी।
:-अनुबंध के नाम पर बेचते है महँगी दवाई:-
इलाक़े के भोले-भाले किसानो को यह कीटनाशक दवा विक्रेता अनुबंध की खेती के नाम पर अपनी दुकानो की महँगी कृषि दवाईयां बेंचा करते है।वही बाद में जब बाज़ार भाव ऊँचा हो जाता है तो लैब रिसोर्ट्स के आधार पर धान कौंसिल कर दिया करते है।
:-नए कृषि क़ानून के तहत हो अनुबंध:-
इलाक़े के कई किसान जो पिछले वर्ष ही फ़ॉरचून कम्पनी से परेशान रहे है इनका कहना है की देश में लागू नए कृषि क़ानून के तहत अनुबंध होना चाहिए।परंतु कृषि विभाग की लापरवाही कहे या फिर इन कीटनाशक दवा विक्रेताओं को कृषि अधिकारियों का विशेष सहयोग की इनके ऊपर कोई क़ानून लागू होता नहीं दिखता है।
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