दुकाने सील:-कुछ लालचियो के चक्कर में पिसे ईमानदार दुकानदार भी,सिस्टम पर भड़का व्यापारी वर्ग!



पिपरिया:-कोरोना महामारी को कम करने के लिए राज्य सरकार ने लॉक डाऊन लगाया है।14 अप्रेल से पिपरिया में लगाए गए लॉक डाऊन के आदेशों को लालची दुकानदार ठेंगा दिखाते हुए लगातार अपनी दुकानदारी कर रहे थे।जिसकी शिकायत जिम्मेदारो के पास पहुँच रही थी।प्रशासनिक अमला ऐसे दुकानदारो को पकड़ भी रहा था।जिनको छोटी-मोटी चलानी कार्यवाही कर तुरंत छोड़ दिया जाता था।परंतु यही दुकानदार अगले दिन भी शटर बंद-चालू कर जम के दुकानदारी कर रहे थे।प्रशासनिक अमले को लगातार मिल रही शिकायतों के बीच प्रशासन ने निर्णय लिया की अति आवश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानो को छोड़ बजार की बाँकी दुकानो को सील किया जाएगा।इस निर्णय के चलते नगर पालिका एवं राजस्व विभाग-पुलिस की संयुक्त टीम ने बाज़ार की दुकानो को सील करना शुरू कर दिया।इसमें अधिकारी के हस्ताक्षर करे हुए काग़ज़ को दुकानो के ताले पर चिपकाया जा रहा है।अभी तक 100 दुकानो से भी ज़्यादा को सील कर दिया गया है।इस कार्यवाही को लेकर शहर के ईमानदार दुकानदारो में भारी आक्रोश व्याप्त है।अपना जनरल स्टोर्स के जसपाल सरदार का कहना है की हम लोग तो शासन-प्रशासन के नियमो का पालन कर दुकान ही नहीं खोल रहे है।परंतु हमारी दुकानो को भी सील करने का प्रचार-प्रसार मीडिया में अधिकारी करवा रहे है।श्रीमोबाइल गैलरी मालिक अधिवक्ता मदन नागभाटी का कहना है कि हमारे नाम मीडिया में दिए जा रहे है।जिसमें हमारी दुकानों को सील करने की खबरें आ रही है।हमारी साख पर बट्टा लग रहा है।हमको जानने-पहचानने वाले फ़ोन कर पूछ रहे है की दुकान क्यों खोली थी।जबकि हम लोग तो दुकान खोल ही नहीं रहे थे।संगम कलेक्शन के प्रीतम चौरसिया का कहना है कि शहर में प्रभावशाली दुकानदार रोज़ाना लाखों रुपए का माल बेंच रहे है।परंतु उनकी दुकाने तो आज तक सील नहीं की गई है।अधिकारियों द्वारा की गई इस कार्यवाही का ईमानदार व्यापारी वर्ग में भारी आक्रोश है।SDM नितिन टाले का कहना है की लगातार मिल रही शिकायतों के चलते ऐसा किया गया है।हमारी प्राथमिकता कोरोना की चैन तोड़ना है।व्यापारी इस कार्यवाही को अन्यथा न लें।

मूक दर्शक बना व्यापारी संघ”

वही ईमानदारी से सरकार के हर दिशा निर्देशों को मानने वाले व्यापारियों का कहना है कि इस कार्यवाही का विरोध हमने हमारे-हमारे व्यापारी संघ में दर्ज करा दिया है।परंतु व्यापारी संघ में बैठे ज़िम्मेदार आम व्यापारी की आवाज़ नहीं उठा कर खुद की राजनीति चमकाने में लगे है।व्यापारियों के ख़िलाफ़ हो रही इस तरह की कार्यवाहियों पर जागरूक व्यापारी नेताओ का मौन आने वाले समय में नग़र व्यापारी संघ में दो फाड़ करवा सकता है।

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