बंद शटरों में हो रहा लाखों का व्यापार,पिपरिया को बदनाम कर रहे सामर्थय दुकानदार!


पिपरिया:-कोरोना को कंट्रोल करने के लिए सरकार बहुत प्रयास कर रही है।इलाक़े में सख़्त लॉक डाऊन लगा कर फुटपाथ पर सब्ज़ी बेचने वालों को तक मुख्य सड़क से हटा कर मोहल्लों और गलियों में हड़काया जा रहा है।लॉक डाऊन में सड़कों पर फ़ालतू घूमने वालो को पुलिस अधिकारी आन स्पाट सजा तक दे रहे है।रोज़ कमाने खाने वालों के सामने जीवन और मरण का माहौल बना हुआ है।ऐसे लोगों को पिछले लॉक डाऊन में खाना बाँटने वाले दरियादिली नेता इस बार ग़ायब है।परंतु इससे बिल्कुल हट कर शहर को कई लालची व्यापारी बदनाम करने में जुटे हुए है।सुबह होते से ही सक्षम दुकानदार अपनी शटर के अंदर ग्राहकों को बंद कर शापिंग करा रहे है।ऐसी दुकानो में बाहर से ताला लगा रहता है। दुकान के बाहर एक कर्मचारी तालों की चाबियाँ ले कर खड़ा रहता है।मालिक जैसे ही इसे फ़ोन करता है।वह बाहर का माहौल देख कर तुरंत शटर को ऊँचा कर ग्राहक को अंदर-बाहर कर दिया करता है।सूत्रों की माने तो इस तरह का काम करने वाले वह दुकानदार है जो काफ़ी धनवान होने के साथ ही समर्थवान भी है।पुलिस रोज़ाना ऐसे कई दुकानदारो को पकड़ रही है।वही मध्यम वर्ग के दुकानदार तो इस लॉक डाऊन का पूरा पालन कर रहे है।वह सरकार के दिशा निर्देशों का अक्षरशह पालन कर रहे है परंतु कुछ समर्थवान दुकानदार लॉक डाऊन की धज्जियाँ उड़ा रहे है।इनमे प्रमुख रूप से कपड़ा सहित किराना दुकानदार शामिल है।यह शादियों के सीजन को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाह रहे है।कोविड के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहे जनप्रतिनिधियो एवं सरकार सहित प्रशासनिक अधिकारियों के प्रयासों पर ऐसे मौक़ा परस्त व्यापारी पलीता लगा रहे है।इलाक़े में यदि कोविड के केस बढ़ते है तो इन व्यापारियों का बहुत बड़ा योगदान रहेगा जो किसी की भी जान की परवाह करे बिना अपनी दुकानदारी को तव्वजो दे रहे है।ऐसे दुकानदार दबाव बना कर अपने कर्मचारियों को भी दुकानो पर बुला रहे है।जिनके संक्रमित होने पर  कौन जवाबदार होगा।इसका जवाब वक्त आने पर शहर की जनता इन ललचियों से ज़रूर लेगी।

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