कोरोना से जंग में वैक्सीन एक मात्र उपाय,परंतु भारत में रविवार की छुट्टी मनाता है वैक्सीन अमला!

 



भोपाल:-देश और दुनिया कोरोना महामारी के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहे है।इसमें रात-दिन मेहनत कर आम नागरिकों को राहत पहुँचाने का हर संभव प्रयास हर कोई कर रहा है।कोरोना के ख़िलाफ़ चल रही इस जंग में सबसे अचूक हथियार वैक्सीन को माना जा रहा है।देश भर में वैक्सीन को लेकर आम जनता में काफ़ी उत्साह भी बना हुआ है।दूसरी ओर विशेषज्ञ तीसरी लहर की चेतावनी भी दे रहे है।परंतु इन सभी परिस्थितियों के बीच यदि देश को सुरक्षित रखना है तो वैक्सीन लगाने का काम काफ़ी तेज़ी से करना होगा परंतु मध्य प्रदेश सहित कई प्रदेशों में सिर्फ़ 4 दिन ही केंद्रो पर कोरोना से लड़ने का टीका लगाया जा रहा है।टीका लगाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग कितना गंभीर है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की रविवार के दिन टीकाकरण स्टाफ़ छुट्टी पर रहा करता है।मंगलवार-शुक्रवार को नवजात बच्चों के टीकाकरण के कारण कोविड के ख़िलाफ़ वैक्सीन नहीं लगाई जाती है।वही रोज़ाना एक टीका करण केंद्र में प्रतिदिन लगभग 200 लोगों को ही टीका लगाया जा रहा है।जानकारो की माने तो इस रफ़्तार से यदि टीकाकरण चला तो कई वर्षों में आम जनता निपट पाएगी।वही कोरोना के रोज़ाना नए नए स्ट्रेन मिलने से भी आम जनता में काफ़ी भय व्याप्त है।जनता का कहना है की पूरे सप्ताह भर टीकाकरण केंद्र खुलना चाहिए।चूँकि कोरोना महामारी घोषित हो चुकी है ऐसे में टीकाकरण की यह सुस्त रफ़्तार काफ़ी घातक सिद्ध हो सकती है।जानकारो की माने तो सरकार के पास पर्याप्त टीके उपलब्ध नहीं है।ऐसे में जितने टीके मिलते है उनके हिसाब से प्लान बनाया जाता है।वही 1 मई से देश भर में 18+वालों को भी टीका लगाने का ऐलान कर दिया गया है।जिसके चलते हर किसी राज्य में डिमांड बढ़ गई है।

No comments

Powered by Blogger.