भाजपा में “मार्शल” की नियुक्ति के मायने!

 


पिपरिया:-नगर सरकार की संरचना को लेकर राजनैतिक पार्टियाँ में चल रही हल चल बहुत तेज हो गई है।इस क्रम में भाजपा ने कांग्रेस से बाज़ी मारते हुए एक कदम आगे बढ़ा दिया है।कांग्रेस ने जंहा वार्ड के प्रभारी की नियुक्ति करते हुए पार्षद का चुनाव लड़ने का मन रखने वालों से आवेदन बुलवाए है।तो वही भाजपा में नगरीय निकाय चुनाव प्रभारी की नियुक्ति हो चुकी है।यह नियुक्ति ज़िला स्तर से लेकर नगर निगम/नगर पालिका/नगर परिषद में की जा रही है।इसी क्रम में भाजपा ने पिपरिया नगर पालिका में कांग्रेस से भाजपा में आए मार्शल बमोरिया को प्रभारी बनाया गया है।बताया जाता है की पार्टी ने जीमनी स्तर पर काम करने वालों को प्राथमिकता दी है।बमोरिया 6 वर्ष पहले हुए नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस छोड़ भाजपा में भर्ती हो गए थे।इस दौरान उनने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जम कर मेहनत की है।बमोरिया के पास जंहा 2 दशक का नगर पालिका में जनप्रतिनिधि रहने का अनुभव है।तो वही उनके साथ कांग्रेस में रही पूरी टीम अब भाजपा का हिस्सा है।पार्टी बमोरिया के इसी अनुभव का लाभ उठाना चाहती है।जिसके चलते उनको पार्टी ने चुनाव प्रभारी जैसी जिम्मेदारी सौंपी है।बमोरिया की इस नियुक्ति से पार्टी का एक धड़ा जंहा नाराज़ होने के साथ ही इस नियुक्ति को भाजपा में कांग्रेस संस्कृति का आगमन बता रहा है तो वही राजनीतिक गलियारों में चर्चा है की यह नियुक्ति भाजपा ज़िला अध्यक्ष माधव अग्रवाल ने विधायक ठाकुरदास नगवंशी एवं सांसद राव उदय प्रताप सिंह, भाजपा नेता नवनीत नागपाल, बलराम सिंह बैस  के कहने पर की है।भाजपा ज़िला अध्यक्ष माधव को भी राजनैतिक रूप से मार्शल बमोरियाऔर बलराम सिंह बैस का चेला ही माना जाता है।बमोरिया-बैस ने अग्रवाल को छात्र राजनीति से ही काफ़ी सपोर्ट किया है।यह लोग भले ही वैचारिक रूप से अलग-अलग राजनीतिक दलो में रहे हों परंतु माधव अग्रवाल को स्टूडेंट आर्गेनेजेशन का अध्यक्ष मार्शल बमोरिया ने ही ज़िद्द करके बनवाया था।जबकि अग्रवाल के ख़िलाफ़ आर्गेनाइज़ेशन के अधिकांश सदस्य थे।यही पद माधव को राजनीति में काफ़ी आगे ले गया और वह आज भाजपा ज़िला अध्यक्ष हैं।हालाँकि यह बात अलग है की बाद में माधव अग्रवाल ने ज़िला योजना समिति के चुनाव में बमोरिया को अपने ख़ास आदमी से शिकस्त दिलवा दी थी।जिसकी टीस आज तक मार्शल बमोरिया के दिल में लगी हुई थी।राजनैतिक जानकारो की माने तो बमोरिया की इसी नाराज़गी को ख़त्म करने के लिए भाजपा ज़िला अध्यक्ष माधव अग्रवाल ने मार्शल का पार्टी में वजन बढ़ाते हुए यह महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दिलवाई है।चूँकि पिपरिया नगर पालिका सामान्य महिला के लिए आरक्षित है।ऐसे में बमोरिया की यह नियुक्ति ज़िला अध्यक्ष एवं विधायक गुट के लिए फ़ायदेमंद हो सकती है।बहरहाल राजनीति में हर दिन नए समीकरण सहित दोस्त और दुश्मन भी बना करते है।जानकारो की माने तो मार्शल बमोरिया को पार्टी ने काफ़ी बड़ी ज़िम्मेदारी नगरीय निकाय चुनाव के हिसाब से दी है।जो कि भाजपा में नए गुटीय समीकरण की ओर इशारा कर रही है।

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