जल संरक्षण-:बनखेड़ी में संघ के स्वयंसेवकों का "भागीरथी" प्रयास!

 


भोपाल-:होशंगाबाद जिले के अंतिम छोर पर बसे बनखेड़ी ब्लाक में इस समय जल संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के स्वयं सेवकों का अनूठा भागीरथी प्रयास चल रहा हैं।स्वयं सेवक दर्जनों गांवों में बहने वाली क्षेत्रीय नदी-नालों पर बोरी बंधान बांधने का कार्य कर रहे हैं।इसमें लगे युवा स्वयं के खर्चे पर पालीथिन की बोरियों को एकत्रित कर अल सुबह से नदी-नालों की धार को रोकने का काम किया करते हैं।उनका यह काम भाउ साहब भुसकृटे लोक न्यास एवं विद्या भारती से जुड़े अनिल अग्रवाल के मार्गदर्शन में चल रहा हैं।अग्रवाल बताते हैं कि न्यास बनखेड़ी सहित आसपास के सैंकड़ो गांवों में मेरा ग्राम-मेरा तीर्थ योजना के तहत गांव वालों को आत्म निर्भर बनाने का काम कर रहा हैं।इस प्रकल्प की शुरुआत संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गोविंद नगर परिसर से की थी।जिसमें कारीगरों को तरह-तरह की हस्तशिल्प से जुड़ी वस्तुओं को बनाना सिखाया जाता हैं।जिसका प्रमुख उद्देश्य मिट्टी-बांस से बनी कला को जीवित रखना भी हैं।इसी के अंतर्गत जल संरक्षण के लिए यह जन जागरूकता अभियान गांव में चलाया जा रहा हैं।अनिल अग्रवाल बताते हैं कि इसमें गांव के युवा को जोड़ा जा रहा हैं।जिससे जल हैं तो कल का सपना साकार हो सके।इसके अंतर्गत ग्राम पीपरपानी मे 70 युवाओं ने करीब 700 बोरी रेत से नदी पर बोरी-बँधान बनाया तो वही पथरकुही गांव में 54 स्वयं सेवकों ने 900 बोरी से नदी पर पानी रोकने पार बनाई हैं।वही खामखेड़ी गांव में 44 श्रमदानियों ने 700 बोरी का तो मलकजरा गांव में 13 ग्रामीणों ने 102 बोरी से,गाडरवारा इमलिया गांव में करीब 500 ग्रामीणों ने 2500 बोरी में रेत भर कर नदी के जल को रोकने का प्रयास किया हैं।अग्रवाल  बताते हैं कि बनखेड़ी में कई वर्षों से भूमिगत  जल स्तर काफी नीचे चला गया था।चूंकि धान सहित गन्ने का रकबा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा हैं।ऐसे में भूमि जल की पूर्ति के लिए इलाके के अधिकांश नदी-नालों पर इस तरह के बोरी बंधान को बांध कर जल को रोका जा रहा हैं।जिससे की भूमिगत जल का स्तर तो सुधरेगा ही साथ ही साथ ग्रामीण अंचल में जल संरक्षण को लेकर युवाओ के बीच जागरूकता भी आएगी।क्योंकि जल हैं तो कल हैं के सूत्र पर चल कर ही जल समस्या से छुटकारा पाया जा सकता हैं।


No comments

Powered by Blogger.