कीटनाशक दवा माफियाओं को बचाने में फिर जुटा कृषी विभाग, हजारो एकड़ की धान खराब !

 


पिपरिया-:शहर में एक बार फिर किसानों को लूटने वाले प्रभावशाली कीटनाशक दवा विक्रेताओं को बचाने में कृषी विभाग जी जान से जुटता हुआ दिखाई दे रहा हैं।इलाके में हजारो एकड़ की धान की फसल खराब हो चुकी हैं।भोले-भाले किसान अब कीटनाशक दवा विक्रेताओं के चक्कर काटने में लगे हैं।परंतु उनको वंहा से भगा दिया जा रहा हैं।दरअसल किसानों के साथ अनुबंध कर इन दवा विक्रेताओं ने धान की फसल लगवाई थी।धान की फसल का अधिक रेट देने का लालच भी दिया गया था।जिसके तहत कुछ चुनिंदा कृषी दवाइयों का धान में छिड़काव करना था।यह दवाइयां भी हजारो रुपये लीटर की थी।जिनको किसान ने खेत में समय-समय पर छिड़का परंतु इसके बाद भी अब किसान की धान की फसल सुख गई हैं।किसान की इस दुर्दशा की सुध लेने के बजाय कृषी विभाग इन कीटनाशक दवा माफियाओ को बचाने में जुटा हुआ हैं।कृषी विभाग धान में आये रोग को मौसम में हो रहे परिवर्तन की बात कह कर टाल रहा हैं।जबकि सरेआम किसान आरोप लगा रहा हैं कि कीटनाशक दवा विक्रेताओं ने उनको आमनक कृषी दवाइयां दी हैं।परंतु विभाग किसानों के हितों की रक्षा करने के बजाय इन दवा माफियाओ को बचाने में जुटा हुआ हैं।जबकि सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को लूटने वाले ऐसे माफियाओ के खिलाफ़ सख्त कार्यवाही के आदेश दिए हुए हैं।परंतु कृषी विभाग अपने मुख्यमंत्री के आदेशों के खिलाफ इन कीटनाशक दवा माफियाओ को बचा रहा हैं।पिपरिया-बनखेड़ी-सोहागपुर ब्लाक में हजारो एकड़ की धान सुख गई हैं।लेकिन कोई भी कृषी अधिकारियों का दल खेत मे नहीं उतर पाया हैं।

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