AC कैबिन में बैठे रहे कृषी अधिकारी, आमनक दवाओं से किसानों की धान फसल हुई बर्बाद!




पिपरिया-:इलाके के किसान इस बार हजारो एकड़ में लगी धान की फसल को खराब होने से नहीं बचा पाए हैं।दरअसल गर्दन तोड़ रोग ने धान की अच्छी खासी फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया हैं।यह रोग आखिर कंहा से आया और इतनी बड़ी मात्रा में किसानों का नुकसान करता रहा परंतु कृषी विभाग ने किसानों ने तो कोई चेतावनी दी और न ही कीटनाशक छिड़कने की सलाह दी।वही सूत्रों की माने तो कृषी अधिकारी अपने AC चेम्बरों से बाहर ही नहीं निकला करते हैं।जिसके कारण ही किसानों की फसल में क्या रोग लगा हैं।

उन्हें नहीं मालूम वही किसानों कहना हैं कि हमने दवा विक्रेताओं से अनुबंध किया था उनके अनुसार ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया हैं।परंतु उसके बाद भी हमारी फसल सुख गई हैं।वही इन दवा विक्रेताओं से लाखों रुपये की दवा उधार ले ली हैं।परन्तु अब फसल का मुआवजा कौन देगा।वही किसानों का कहना हैं कि कृषी विभाग को खेत में आ कर दौरा करना चाहिए की कौन सा रोग किसान की फसल चट कर रहा हैं।यह पता रहे परन्तु अधिकारी कभी खेतों तरफ मुंह भी नहीं करते हैं।वही अभी भी कृषी विभाग गहरी नींद में सोता हुआ दिखाई दे रहा हैं।लगातार शहर के प्रभावशाली कीटनाशक दवा विक्रेताओं की शिकायत हो रही हैं।परंतु इसके बाद भी विभाग ने सेम्पलिंग शुरू नहीं की हैं।जबकि सरकार के नियमानुसार तो फसल के पहले ही कीटनाशक दवाओं की सेम्पलिंग होना चाहिए।

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