सिर्फ 1कीटनाशक दवा विक्रेता के लिए 7 सेम्पल,बांकी पर कृषी विभाग की मेहरबानी !



पिपरिया-:इलाके में अमानक कृषी दवाइयों के कारण अन्नदाताओं की हजारो एकड़ की धान की फसल चौपट हो चुकी हैं।किसान परेशान हैं।कार्यवाही के नाम पर कृषी विभाग केवल खानापूर्ती करने में जुटा हुआ हैं।जबकि लगातार किसान शिकायत कर रहे हैं कि अमानक कृषी दवाइयों के छिड़काव से उनकी धान की फसल सूख गई हैं।लेकिन किसानों के हितों का संरक्षण करने वाला कृषी विभाग अमानक दवा माफियाओ के हितों का संरक्षण करने में जुटा हुआ हैं।शहर में स्थित कीटनाशक दवा विक्रेता दिलीप दुदानी की लालचंद्र मोहनलाल फर्म से 7 कीटनाशक दवाइयों के सेम्पल लिए गए हैं।बांकी शहर के कई प्रभावशाली दुकानदारो को छोड़ दिया गया हैं।इनमें राजनैतिक पहुंच वाले HK ट्रेडर्स सबसे खास दुकान हैं।जिनकी इलाके में करीब आधा दर्जन कीटनाशक काउंटर इनके द्वारा दी गई कीटनाशक दवाओं से कई किसानों की फसलें भी सुखी हैं।परंतु फिर भी कृषी विभाग न तो इन किसानों की कोई सुनवाई कर रहा हैं।और न ही इन कीटनाशक दवा विक्रेताओं पर कोई आंच आने दे रहा हैं। एक डीलर तो ऐसा हैं जिसका खुद का लाइसेंस कृषी विभाग ने निलंबित कर रखा हैं।परंतु उसके बाद भी स्थानीय कृषी अधिकारीयो की मिलीभगत से करोड़ो रूपये की दवाई को बेंचा रहा हैं।कृषी विभाग केवल एक कीटनाशक दवा विक्रेता को ही परेशान करने में जुटा हैं।वही जब लायसेंस निलंबित हैं तो उसके बाद भी होने वाली कीटनाशक की बिक्री पर आखिर कृषी विभाग आंखे क्यों मूंद कर बैठा हुआ हैं।जबकि नियमानुसार लायसेंस निलंबन के बाद निरस्त होना चाहिए। प्रभारी वरिष्ठ कृषी विस्तार अधिकारी जे.एस गुर्जर से इस संबंध में पूछने गया तो उनका कहना था कि धीरे धीरे कृषी विभाग सभी के सेम्पल लेगा।वही धान की फसल खराब होने पर किसानों की जान पर बनी हुई हैं।परंतु कृषी विभाग सेम्पलिंग की कार्यवाही तक धीरे धीरे करने की बात कह रहा हैं।

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