अमानक दवा माफियाओ पर मौन इलाके के किसान नेता, किसान संघ प्रमुख कक्का जी का दावा कृषी विभाग की मिलीभगत से चल रहा गौरखधंधा!

 


पिपरिया-:इलाके की हजारो एकड़ जमीन पर लगी धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं।यह फसल अमानक कृषी दवाइयों के छिड़काव से खराब हुई हैं।किसान न केवल परेशान हैं बल्कि उसे उक्त कृषी दवा व्यापरियों की उधारी चुकाने की भी चिंता हैं।वही किसान जब इन प्रभावशाली दवा विक्रेताओं से धान खराब होने की शिकायत कर रहा हैं तो यह शातिर लोग किसान को मौसम में हो रहे बदलाव की बात कह कर गुमराह कर रहे हैं।इसमें कृषी विभाग के जिम्मेदार भी शामिल हैं।जो बिना खेत में उतरे ही धान में प्राकृतिक रोगों का हमला बता रहे हैं।जबकि अन्नदाता इस फसल की खराबी को लेकर मल्टीनेशनल कंपनी की महंगी दवाइयों को जिम्मेदार बता रहा हैं।परंतु गरीब किसान की बात सुनने का समय कृषी विभाग के "बड़े बाबू" के पास नहीं हैं।उनको तो इलाके के कृषि दवा माफिया को संरक्षण जो देना हैं।वही इतनी बड़ी मात्रा में धान की फसल खराब होने के बाद भी इलाके के तथाकथित किसान नेता मौन धारण किये हुए हैं।यह वही किसान नेता हैं जो अपनी-अपनी पार्टी में स्वयं को इलाके का बड़ा किसान हितैषी बताते नहीं थकते हैं।वही कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही दलों के किसान नेता इन प्रभावशाली कृषी दवा विक्रेताओं के खिलाफ कुछ भी नहीं बोलना चाहते हैं।जबकि यह मुद्दा किसानी के वोट बैंक से जुड़ा हैं।वही किसान मजदूर संघ प्रमुख शिवकुमार शर्मा कक्का जी का कहना हैं कि म.प्र में इस समय नकली खाद-बीज माफियाओ का राज चल रहा हैं।श्री शर्मा ने कहा कि किसान को जागरूक होना होगा दवाई खरीदते समय बिल लेना चाहिए।वही पिपरिया-बनखेड़ी-सोहागपुर में धान की खराब हो रही फसल के लिए किसान संघ आवाज उठाने की बात भी कही हैं।किसान संघ प्रमुख के अनुसार होशांगाबाद कृषी विभाग में अधिकारी कई वर्षों से जमे हुए हैं।जिनकी साठ गांठ नकली दवा माफिया के साथ हैं।जिसके चलते ही यह अधिकारी किसानों की बात नहीं सुनते हैं।

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