गड़ाघाट सोसायटी ने मजदूर को बांट दिया 9 टन यूरिया,दर्ज हुई FIR!

पिपरिया-

  :एक तरफ जिले भर में किसान पिछले दिनों यूरिया को लेकर काफी परेशान रहे तो वही सोसायटी में पदस्थ भृष्ट कर्मचारियों ने ऐसे लोगों को भी यूरिया बांट दिया जिनके नाम जमीन ही नहीं हैं।हाल ही में हुई जांच में पता चला हैं कि सेवा सहकारी समिति गड़ाघाट ने POS मशीन के माध्यम से सोसायटी में काम करने वाले मजदूर संदीप प्रजापति को 9 टन यूरिया मतलब की 90 क्विंटल बांटना बता दिया हैं।सूत्रों की माने तो उक्त मजदूर के पास खेती की कोई जमीन नहीं हैं।वही सरकारी नियमो के अनुसार एक एकड़ पर करीब 2 से 3 एकड़ यूरिया ही बाँटा जा सकता हैं।परंतु गड़ाघाट सोसायटी ने मजदूर के नाम से 9 टन यूरिया बांटना दर्शा दिया हैं।वही मामले की जांच सहकारिता विभाग सहित अन्य विभागों ने भी की हैं।जिसके बाद गुरुवार देर रात जिला सहकारी बैंक प्रबंधक प्रमोद पुरोहित ने डिप्टी रजिस्टार के निर्देश पर मंगलवारा थाने में समिति प्रभारी नारायण सिंह पटेल एवं DMO गोदाम प्रभारी संजीव बर्मन पर FIR दर्ज कर ली गई हैं।मामले में धारा 420(34) के तहत कार्यवाही की गई हैं।

इफको ने भी इसी मजदूर को बेंचा 28 टन यूरिया

वही इस मामले में गड़ाघाट में स्थित इफको बाजार से भी 28 टन यूरिया इसी मजदूर संदीप प्रजापति को बांटना दर्शाया गया हैं।जबकि असल में संदीप प्रजापति के नाम और अंगूठे का इस्तेमाल किया गया हैं।लेकिन संदीप का कहना हैं कि उसके पास खेती की जमीन ही नहीं हैं तो वह यूरिया क्यों लेगा।वही पूरे मामले में सहकारी बैंक प्रबंधक प्रमोद पुरोहित का कहना हैं कि गड़ाघाट सोसायटी में DMO गोदाम से POS मशीन में केवल यूरिया स्टाक आया हैं।सोसायटी ने न तो DD दिया हैं और नहीं भौतिक रूप से यूरिया उनको मिला हैं।वही इस पूरे मामले में बड़े सवाल यह हैं कि जब भौतिक स्टाक में यूरिया आया ही नहीं तो फिर सोसायटी ने मजदूर के नाम से 9 टन यूरिया जारी क्यों किया।वही पूरे मामले में कृषी विभाग की लापरवाही भी सामने आ रही हैं।जिसमें यूरिया वितरण के समय मॉनिटरिंग क्यों नहीं की गई।वही एक ही व्यक्ति के नाम से 9 टन और 28 टन यूरिया POS मशीन से कैसे जारी हो गया।वही मंगलवारा थाना टी.आई उमेश तिवारी का कहना हैं कि मामले में सूक्ष्म जांच शुरू कर दी है।

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