यूरिया घोटाला-:DMO विपणन की लचर कार्यप्रणाली,किसकी ID से हुआ यूरिया ट्रांसफर इतने दिन बाद भी नहीं बता पा रहे!
पिपरिया-:गाड़ाघाट सहकारी समिति में 9 टन यूरिया एक भूमिहीन मजदूर को देना बताया गया हैं।इस मामले में समिति प्रबंधक नारायण सिंह पटेल एवं DMO गोदाम पिपरिया प्रभारी संजीव बर्मन पर पुलिस ने धारा 420(34) में मामला दर्ज कर लिया हैं।परंतु इस मामले में विपणन संघ के जिला अधिकारी अब लीपा पोती करने में जुट गए हैं।दरअसल विपणन संघ ही सहकारी समितियों को यूरिया आवंटित किया करता हैं।वर्तमान में यूरिया POS मशीन के माध्यम से दिया जाता हैं।जिसमें ID पासवर्ड हुआ करता हैं।यूरिया घोटाला खुले 1 महीने से ऊपर हो चुका हैं।परंतु DMO प्रदीप ग्रेवाल अब तक यह नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर किसने गाड़ाघाट सोसायटी की POS मशीन में यह यूरिया ट्रांसफर किया हैं।वही अब पुलिस जांच को भटकाने का प्रयास भी जिला विपणन अधिकारी द्वारा किया जा रहा हैं।स्वयं ग्रेवाल इस बात को बता रहे हैं कि यूरिया बनाने वाली कंपनी इफको के पास भी यह ID पासवर्ड रहता हैं।उनने यह यूरिया ट्रांसफर किया होगा।सूत्रों की माने तो DMO ग्रेवाल ने पिपरिया पुलिस को पत्र लिख कर कहा हैं कि गोदाम प्रभारी बर्मन की भूमिका के साथ साथ मामले में यूरिया कंपनी की जांच भी होनी चाहिए।वही तकनीकी विशेषज्ञों की माने तो POS मशीन से कुछ मिनटों में ही पता चल जायेगा की आखिर किस मशीन से यह यूरिया डाटा आया हैं।परन्तु जिला विपणन अधिकारी प्रदीप ग्रेवाल का कहना हैं कि जिले भर में एक ही ID और पासवर्ड से यूरिया भेजा जाता हैं।ऐसे में जांच कर रहे हैं कि किस जगह से ऐसा फाल्स ट्रांजेक्शन हो गया हैं।जांच और मिलान के बाद ही पता चल सकेगा कि यूरिया कंहा से कैसे आया हैं।
जिले से होता हैं सोसायटी को आवंटन-: बर्मन
पिपरिया DMO गोदाम प्रभारी संजीव बर्मन का कहना हैं कि उनको इस मामले में झूठा फंसाया गया हैं।DMO की ID से सीधे होशंगाबाद से सहकारी समितियों को यूरिया आवंटन होता हैं।उनके कार्यालय से तो लोकल में अन्य एजेंसियों को यूरिया दिया जाता हैं।परंतु इसके बाद भी उन पर धारा 420 के तहत FIR कर दी गई हैं।वही जब DMO ही सहकारी समितियों को यूरिया जिले से देते हैं तो फिर ऐसे मामले में छोटे कर्मचारियों पर ही कार्यवाही क्यों की जा रही हैं।पूरे मामले में DMO किसी को बचाने का प्रयास करते हुए दिख रहे हैं।
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