बरेली की बगलवाड़ा सोसायटी ने छिंदवाड़ा के किसानों को बेचा यूरिया,FIR दर्ज!



4 जिलों के कलेक्टरों के समन्वय से हुई कार्यवाही
पिपरिया-पूरे प्रदेश में यूरिया की भारी कमी चल रही हैं।परंतु यदि आपकी सेटिंग हैं तो आप सहकारी समिति का माल खरीद कर 2 जिला पार ले जा सकते हो।पिपरिया शहर के SDM मदन सिंह रघुवंशी की सजगता से 3 ट्रक यूरिया के अवैध परिवहन को पकड़ा हैं।पहले मामले में बरेली में कृषी उपज मंडी स्थित गोदाम से कृषक सेवा सहकारी समिति बगलवाडा ने ट्रक क्रमांक MP 09 HG 8425 में 600 बोरी यूरिया तामिया के लिए भर दिया।इसमें 2 किसानों के नाम पर मात्र 350 बोरी यूरिया के बिल काटे गए हैं।जिनमें तामिया निवासी कृषक रवि शंकर डेहरिया का 170 बोरी एवं जय शंकर डेहरिया का 180 बोरी यूरिया का बिल काटा गया हैं।जबकि रवि शंकर के पास मात्र साढ़े तीन एकड़ खेत और जय शंकर के पास 8 एकड़ खेत ही हैं।वही बांकी 250 बोरी यूरिया का कोई बिल नहीं हैं।जबकि नियमनुसार सहकारी समिति अपने इलाके के किसानों को यूरिया दे सकती हैं।परंतु यंहा तो 2 जिला पार कर यूरिया बेंच दिया गया हैं। इसकी FIR क्रमांक 0222/2020 पिपरिया के मंगलवारा थाना में दर्ज की गई हैं।प्रथम दृष्टया ट्रक के साथ मिले किसानों और चालक व कंडक्टर पर मामला बनाया गया हैं।
वही दूसरे मामले में बरेली किसान सेवा केंद्र द्वारा ट्रक क्रमांक MP 09 HH 0955 में अमरवाड़ा जिला छिंदवाड़ा के लिए 600 बोरी यूरिया चंबल कंपनी का भरा मिला परंतु मौके पर केवल 440 बोरी यूरिया के बिल मिल सके हैं।जो की POS मशीन से काटे गए हैं।मामले में  स्टेशन रोड पिपरिया में अपराध क्रमांक 0176/2020 दर्ज किया गया हैं।वही तीसरे मामले में 300 बोरी यूरिया ट्रक क्रमांक MP 28 G 4681 में सुमित ट्रेडर्स बकतरा जिला रायसेन ने तामिया के लिए भर कर भेजा हैं।जिसमें मौके पर कोई बिल नहीं मिला हैं।इसमें बिना बिल के 16 लीटर नींदा नाशक भी मिला हैं।थाना स्टेशन रोड पिपरिया में अपराध क्रमांक 0177/2020 दर्ज किया गया हैं।इन तीनों मामलों में पुलिस ने फिलहाल ट्रक ड्राइवर और कन्डेक्टर को मुजरिम बनाया हैं।पुलिस ने SADO कृषी मालवीय के अनुरोध पर उक्त केसों को दर्ज किया हैं।तीनो मामलों में उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 5 व 35 आदेश 1973 की धारा 4 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3,7 के तहत मामला दर्ज किया हैं।वही 2 दिन से  होशांगबाद,छिंदवाड़ा, रायसेन और सीहोर कलेक्टर आपस में समन्वय बना कर उक्त कार्यवाही को अंजाम दिया हैं।पिपरिया SADO कृषी ने मामले में फरियादी बन कर FIR दर्ज कराई हैं।जबकि नियम कहता हैं कि अति आवश्यक वस्तु अधिनियम में कलेक्टर ही FIR दर्ज करा सकता हैं।परंतु पिपरिया में रिटायर्ड होने की कगार पर खड़े SADO से कृषी विभाग ने मामला दर्ज करवा दिया हैं।जो न्याय संगत नहीं हैं।दूसरी ओर शहर में यूरिया का भारी स्टाक निजी वेयर हाउस में किया गया हैं।जिस पर किसी की नजर नहीं हैं।यही यूरिया आने वाले समय में ब्लैक मार्केटिंग से बेच दिया जाएगा।

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