भरपेट व्यापारी चाह रहे लॉक डाउन,गरीब की सुनने वाला कोई नहीं दिखता!


पिपरिया-:रोजाना कोरोना मरीजों की संख्या में इज़ाफ़ा होते देख और कोरोना की जद में आये व्यापारियों के चलते ही अब शहर का एक व्यापारी वर्ग चाहता हैं कि प्रशासन पहले की तरह लॉक डाउन लगाए। यह वही तथाकथित व्यापारी हैं जिनको 80 दिनों के लॉक डाउन में भी फर्क नहीं पड़ा था।उन दिनों भी गरीब ही परेशान हुआ था।अभी भी लॉक डाउन की अफवाहों से गरीब-मजदूर ही सहमा हुआ दिख रहा हैं।जबकि केंद्र व राज्य सरकारों के नियमानुसार कोरोना मरीज के मिलने वाली जगह और मोहल्ले को ही कैंटोमेंट जोन बना कर सील करना हैं।परंतु कुछ व्यापारी दवाब बना रहे हैं कि प्रशासन लॉक डाउन की घोषणा कर दें।इनमें वह व्यापारी भी शामिल हैं।जिनने लॉक डाउन 1,2,3,4 में जम कर काला बाजारी करते हुए करोड़ो रूपये गुटखा-पान मसाला और बीड़ी सिगरेट को ऊंचे दामो में बेच कर कमा लिए हैं।वही ऐसे व्यापारियों ने तो आसपास के वेयर हाउसों में तक गुटखा का अवैध स्टाक करके रखा हुआ था।दूसरी ओर उस गरीब-मजदूर वर्ग की कोई नहीं सोच पा रहा हैं।जिसके कल्याण का दम सब भरते हैं।कोई यह नहीं बता पा रहा हैं कि यदि लॉक डाउन किया जाएगा तो दुकानों पर काम करने वाले गरीबों को वेतन दिया जाएगा या नहीं,लॉक डाउन में दैनिक मजदूरी करने वालों का पेट कौन पालेगा।खाने-पीने की होटल वालों को आर्थिक मदद कौन देगा।जिनकी दुकानें तो 90 दिन तक बन्द रही हैं।वही कोरोना जब तक आम आदमियों को डस रहा था तब तक तो यह व्यापारी मौन थे।परंतु जैसे ही कोरोना ने व्यपारियो को अपना निशाना बनाना शुरू किया।यह व्यापारी लॉक डाउन की बात करने लगे।यह वही व्यापारी हैं जो कोरोना बचाव के शासन के द्वारा दिए गए नियमों का पालन नहीं किया करते हैं।

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