ग्रेन मर्चेंट के दीपावली मिलन समारोह में न मंडी सचिव आये न पुलिस-प्रशासन के स्थानीय अधिकारी!


पिपरिया-:शहर की सबसे पुरानी और पावर फुल मानी जाने वाली संस्था ग्रेन मर्चेंट ऐसोसीएशन के दीपावली मिलन समारोह में इस बार किसी भी स्थानीय पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी ने तव्वजो नहीं दी।जबकि इसके पहले के वर्षों में आयोजित दीपावली मिलन समारोह में शहर के प्रमुख अधिकारी और जनप्रतिनिधी इस कार्यक्रम में शामिल हुआ करते थे। इस बार जनप्रतिनिधी तो शामिल हुए हैं।सूत्रों की माने तो पहले शहर के अनाज व्यापारी सत्ता का प्रमुख केंद्र हुआ करते थे।परंतु आपसी खींच तान ने इन व्यापरियों का रुतबा प्रशासनिक गलियारों में काफी घटा दिया हैं।एक समय था जब इन सेठों की गद्दी से शहर की राजनीति की दिशा और दशा तय हुआ करती थी।परंतु आज यह स्थिति हैं कि यह अनाज व्यापारी आपसी फूट के कारण अपने छोटे कामों के लिए पुलिस-प्रशासन के सामने किसी आम आदमी की तरह खड़े दिखाई देते हैं।वही सूत्र बताते हैं कि ग्रेन मर्चेंट  एसोसिएशन हर बार SDM, SDOP, तहसीलदार,टीआई एवं मण्डी सचिव को आमंत्रण दिया करता हैं।पिछले कई वर्षों तक यह अधिकारी दीपावली मिलन कार्यक्रम में आते भी थे।जिनको मंच पर ससम्मान बैठाया जाता था।कार्यक्रम में शामिल वक्ता शहर की समस्याओं के ऊपर अपनी बात रखते थे।जिनको अधिकारी गंभीरता से लेते थे।परंतु इस बार उक्त किसी भी अधिकारी का दीपावली मिलन समारोह में शामिल नहीं होना नगर में काफी चर्चा का विषय हैं।वही ग्रेन मर्चेंट संस्था पूरी तरह से कृषि उपज मंडी से जुड़ी हैं।कार्यक्रम में अधिकांश बातें मंडी से जुड़ी रहती हैं।परंतु इसके बावजूद भी पिपरिया मंडी सचिव तक ने इस कार्यक्रम में शामिल होने में अपनी रुचि नहीं दिखाई हैं।हमारे सूत्र बताते हैं कि इन दिनों मंडी सचिव और व्यापारियों की आपस में पटरी नहीं बैठ रही हैं।ग्रेन मर्चेंट में शामिल अधिकतर पदाधिकारी सचिव से नाराज चल रहे हैं।सूत्र बताते हैं कि मण्डी में 1-2 बड़े व्यापरियों के इशारों पर ही पूरा काम चल रहा हैं।वही दीपावली कार्यक्रम का दूसरा पहलू यह भी रहा की जो जागरूक वक्ताओं ने शहर हित और संस्कृति की बात डाइस से रखी उनकी बातों को एसोसिएशन के पदाधिकारी ने काफी कड़े और आपत्तिजनक शब्दो में कटाक्ष करते हुए नकार दिया।जिसको लेकर भी कई मतभेद उभरे हैं।

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