कृषी विभाग में फिर शुरू हुआ लायसेंस निलंबन-बहाल का खेल!

कृषी विभाग में फिर शुरू हुआ लायसेंस निलंबन-बहाल का खेल!

पिपरिया-:जिला कृषी विभाग में एक बार फिर कीटनाशक दवा विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबन का खेल शुरू हो चुका हैं।सूत्र बताते हैं कि इस खेल में लाखों रुपये की वसूली कृषी विभाग द्वारा हर साल की जाती हैं।मोटी रकम मिलने पर इन दवा विक्रेताओं के लाइसेंस बहाल कर दिए जाते हैं।इस बार पिपरिया के अतुल टेडर्स और शेर सिंह हरिराम ट्रेडर्स के कीटनाशक दवाई विक्रेता के लाइसेंस SDM पिपरिया की जांच के बाद जिला कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की अनुशंसा पर निलंबित किये गए हैं।जिन 2 विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित हुए हैं।इनकी शिकायतों की फेहरिस्त बहुत लंबी हैं।परंतु DDA जीतेन्द्र सिंह की शह पर इनका कभी भी बाल बांका नहीं हो सका हैं।पिछले साल भी इन दोनों कीटनाशक विक्रेताओं के लाइसेंस कुछ समय के लिए निलंबित किये गए थे।परंतु लाखो रुपये की चढ़ोत्तरी के बाद इनके लायसेंस बहाल कर दिए गए हैं।वही हाल ही के गेंहू सीजन में एग्रो सर्विस सेंटर पिपरिया पर अधिक दाम में यूरिया बेचने की शिकायत किसानों द्वारा की गई थी।परंतु इस दुकानदार को नोटिस दे कर DDA जीतेन्द्र सिंह ने बचा लिया हैं।वही दूसरी ओर कमलनाथ सरकार किसान हित की बात करती रही परंतु जिला कृषी अमला इन कालाबाजारियों का खुल कर साथ देता हैं।जिला कृषी अधिकारी जब भी पिपरिया आते हैं।तो यही कालाबाजारी उनको घेरे रहते हैं।इस बार भी लायसेंस निलंबन और बहाल के खेल में फिर लाखो रुपये के लेनदेन का शक गहराता जा रहा हैं।किसानों की माने तो कृषी विभाग उनकी कोई सुनवाई नहीं करता हैं।वह तो इन व्यापरियों के अहसानो के बोझ के तले दबा हुआ हैं।

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