पिपरिया भाजपा में फिर भारी पड़े पूंजीपति नेता!

पिपरिया भाजपा में फिर भारी पड़े पूंजीपति नेता!

पिपरिया-:एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पिपरिया में पूंजीपति नेता मूल कार्यकर्ताओ पर भारी पड़ते हुए दिखाई दिए।मौका था सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा के नगर आगमन का। इस मौके पर पूरे शहर को भाजपा के झंडे बैनरों से पाट दिया गया था।बैनरों में भी उन लोगो की ही फोटो दिखाई दी जो या तो भाजपा के नए पूंजीपति हैं या फिर इनकी मेहरबानी से पार्टी में नाम और दाम दोनों कमा रहे हैं।वही भाजपा का मूल कार्यकर्ता तो इन सभी के बीच अपने आप को ठगा सा महसूस करता हुआ बिना किसी निमंत्रण के ही अपने नेता शिवराज सिंह को आशीर्वाद देने आया हुआ था।ऐसे कई कार्यकर्ताओ ने अपना मन हल्का करते हुए कहा कि भैया आज तो किराए के आदमी झंडे बैनर लगा रहे हैं।एक समय था कि हम दिन रात पार्टी के झंडे लगाने से लेकर बैठकों और आमसभाओं के लिए दरी फट्टे बिछाते थे।परंतु क्या करे पार्टी में जब से मौका परस्त नेताओ को तरजीह दी जा रही हैं तब से कांग्रेसी संस्कृति हावी हो रही हैं।एक समर्पित कार्यकर्ता की माने तो कांग्रेस हमारी पार्टी से संग़ठन चलाने की कला सीखने की बात कर रही हैं और हमारी पार्टी कांग्रेस संस्कृति की ओर अग्रसर हो चली हैं।कई कार्यकर्ताओ का कहना था कि हमारे नेताओं के आगे पीछे वही लोग है जो कांग्रेस और सपा विधायको के भी खास रहे हैं।परंतु भाजपा का मूल कार्यकर्ता सम्मान तक के लिए तरस रहा हैं।पार्टी में बढ़ रही इस कुसंस्कृति को लेकर जब इन कार्यकर्ताओ से पूछा गया कि चुनाव में इसका क्या असर पड़ेगा तो इन लोगो का कहना था कि मूल कार्यकर्ता तो अपने घर बैठना पसंद करेगा।फिर चाहे अंजाम कुछ भी हो वही इन दिनों पार्टी के वह कार्यकर्ता और नेता भी बेहद नाराज हैं।जिनके सामने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का काम करने वाले नेताओं को भाजपा में बहुत तरजीह दी जा रही हैं।किरार समाज के एक नेता की माने तो खापरखेड़ा गांव में ऐसा ही हो रहा हैं।परंतु नेताओ की आंख क्यों नहीं खुल रही हैं।वही दूसरी ओर पिछले विधानसभा चुनाव में विधायक ठाकुरदास नागवंशी का भोपाल सहित इलाके में खुला विरोध करने वाले पार्टी और सरकार में पद पा रहे हैं और अपनी पूर्ण निष्ठा के साथ विधायक का साथ देने वाले आज आत्म सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं।

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