4410 रुपए क्विंटल में पिछले साल की मूंग नीलाम कर रही सरकार!
4410 रुपए क्विंटल में पिछले साल की मूंग नीलाम कर रही सरकार!
पिपरिया-:मध्य प्रदेश की सरकार पिछले साल की समर्थन मूल्य पर खरीदी गई हजारो क्विंटल मूंग की खुली नीलामी इन दिनों ऑन लाइन टेंडर जारी करके कर रही हैं।यह मूंग पिछले साल ही सरकार ने किसानों से 5225 रुपये प्रति क्विंटल खरीदी थी।जिसकी नीलामी सरकार 4410 रुपये प्रति क्विंटल पर कर रही हैं।वही इस मूंग को एक प्रक्रिया के तहत रजिस्टर्ड व्यापारी ही खरीद सकते हैं।इस मूंग को नीलाम करने वाली संस्था नेफेड और मार्कफेड हैं।एक बार मे नेफेड कम से कम 200 टन और मार्कफेड 100 से 150 टन माल नीलाम करती हैं। इसके लिए व्यापारी को पूरा भुगतान एडवांस करना होता हैं।वही इस पूरे मामले में सबसे चौकाने वाले तथ्य यह हैं कि सरकार से कम दाम में मूंग खरीद कर व्यापारी फिर से इस मूंग को समर्थन मूल्य पर बेंच देंगे। जिससे सरकार को काफी सतर्क रहने की जरूरत रहेगी।वही छोटे अनाज व्यापरियों की माने तो सरकार हर जीन्स को समर्थन मूल्य पर खरीद कर हमारा पूरा धंधा चौपट करे दे रही हैं।जिसके चलते हम बेरोजगार हो जाएंगे।व्यपारियो का कहना हैं कि इसमें उन किसानों को तो कोई लाभ नहीं मिलता जिनकी फसल नान FAQ होती हैं।वही भ्रस्टाचार करके यही गुणवत्तापूर्ण मूंग सरकार को बेंच दी जाएगी।
पिपरिया-:मध्य प्रदेश की सरकार पिछले साल की समर्थन मूल्य पर खरीदी गई हजारो क्विंटल मूंग की खुली नीलामी इन दिनों ऑन लाइन टेंडर जारी करके कर रही हैं।यह मूंग पिछले साल ही सरकार ने किसानों से 5225 रुपये प्रति क्विंटल खरीदी थी।जिसकी नीलामी सरकार 4410 रुपये प्रति क्विंटल पर कर रही हैं।वही इस मूंग को एक प्रक्रिया के तहत रजिस्टर्ड व्यापारी ही खरीद सकते हैं।इस मूंग को नीलाम करने वाली संस्था नेफेड और मार्कफेड हैं।एक बार मे नेफेड कम से कम 200 टन और मार्कफेड 100 से 150 टन माल नीलाम करती हैं। इसके लिए व्यापारी को पूरा भुगतान एडवांस करना होता हैं।वही इस पूरे मामले में सबसे चौकाने वाले तथ्य यह हैं कि सरकार से कम दाम में मूंग खरीद कर व्यापारी फिर से इस मूंग को समर्थन मूल्य पर बेंच देंगे। जिससे सरकार को काफी सतर्क रहने की जरूरत रहेगी।वही छोटे अनाज व्यापरियों की माने तो सरकार हर जीन्स को समर्थन मूल्य पर खरीद कर हमारा पूरा धंधा चौपट करे दे रही हैं।जिसके चलते हम बेरोजगार हो जाएंगे।व्यपारियो का कहना हैं कि इसमें उन किसानों को तो कोई लाभ नहीं मिलता जिनकी फसल नान FAQ होती हैं।वही भ्रस्टाचार करके यही गुणवत्तापूर्ण मूंग सरकार को बेंच दी जाएगी।
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