कृषी उपज के लिए मिली सब्सीडी,फर्टीलाइजर रख रहे वेयर हाउस मालिक!
कृषी उपज के लिए मिली सब्सीडी,फर्टीलाइजर रख रहे वेयर हाउस मालिक!
पिपरिया-:शहर में दर्जनों वेयर हाउस का निर्माण केंद्र सरकार ने भारी सब्सीडी देकर करवाया हैं।इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के उचित दाम दिलाना हैं।परंतु पिपरिया के कई वेयर हाउस मालिक केंद्र सरकार की इस योजना को ठेंगा दिखा रहे हैं।ऐसे वेयर हाउस में फर्टीलाइजर का भारी स्टाक रखा गया हैं।परंतु इनको देखने वाला कोई नहीं हैं।दूसरी ओर इस समय गेंहू की फसल का सीजन चल रहा हैं।ऐसे में यूरिया की किल्लत भी बनी हुई हैं।उसको देखते हुए ही यह वेयर हाउस संचालक यूरिया का स्टॉक करके वेयर हाउस में रख रहे हैं।परंतु इसकी जांच न तो कृषी विभाग कर रहा हैं और न ही कोई और जिम्मेदार इस कार्य को देख रहे हैं।वही वेयर हाउस पर आखिर किस विभाग का नियंत्रण हैं यह भी पता नहीं चल पा रहा हैं।वेयर हाउस बनाने के लिए नाबार्ड ने भारी भरकम सब्सीडी जारी की थी।परंतु इस सब्सिडी का क्या उपयोग हो रहा हैं वह ना तो नाबार्ड देख रहा हैं और न ही केंद्र सरकार देख पा रही हैं।वही किसानों का कहना हैं की सरकार हमें फायदा तो पहुंचना चाहती हैं परंतु धन्ना सेठ किसानों के नाम पर उनके गोदामो में व्यापारिक माल रख रहे हैं।
पिपरिया-:शहर में दर्जनों वेयर हाउस का निर्माण केंद्र सरकार ने भारी सब्सीडी देकर करवाया हैं।इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के उचित दाम दिलाना हैं।परंतु पिपरिया के कई वेयर हाउस मालिक केंद्र सरकार की इस योजना को ठेंगा दिखा रहे हैं।ऐसे वेयर हाउस में फर्टीलाइजर का भारी स्टाक रखा गया हैं।परंतु इनको देखने वाला कोई नहीं हैं।दूसरी ओर इस समय गेंहू की फसल का सीजन चल रहा हैं।ऐसे में यूरिया की किल्लत भी बनी हुई हैं।उसको देखते हुए ही यह वेयर हाउस संचालक यूरिया का स्टॉक करके वेयर हाउस में रख रहे हैं।परंतु इसकी जांच न तो कृषी विभाग कर रहा हैं और न ही कोई और जिम्मेदार इस कार्य को देख रहे हैं।वही वेयर हाउस पर आखिर किस विभाग का नियंत्रण हैं यह भी पता नहीं चल पा रहा हैं।वेयर हाउस बनाने के लिए नाबार्ड ने भारी भरकम सब्सीडी जारी की थी।परंतु इस सब्सिडी का क्या उपयोग हो रहा हैं वह ना तो नाबार्ड देख रहा हैं और न ही केंद्र सरकार देख पा रही हैं।वही किसानों का कहना हैं की सरकार हमें फायदा तो पहुंचना चाहती हैं परंतु धन्ना सेठ किसानों के नाम पर उनके गोदामो में व्यापारिक माल रख रहे हैं।
Leave a Comment