हुजूर पिपरिया में T.I नहीं,पुलिसिंग बदलें

हुजूर पिपरिया में T.I नहीं,पुलिसिंग बदलें


पिपरिया-:-शहर के मंगलवारा थाने का महूर्त इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा हैं।यंहा पर जो भी थाना प्रभारी आता हैं।वह कुछ ही हफ़्तों में ना केवल बदल दिया जाता हैं बल्कि सजा बतौर उसको लाइन अटैच कर दिया जाता हैं।इस बार भी आरएसएस कार्यकर्ता अनुज पूर्वीय हत्याकांड में कुछ ऐसा ही हुआ।इस कांड में जंहा मंगलवारा थाना प्रभारी अशोक बरबड़े को हटा दिया गया तो वही नए TI ने आमद देकर उस समय  चार्ज संभाल लिया जब आरएसएस ने मुख्य चौराहे पर अनुज की शोक सभा का आयोजन किया था।वही इस हत्याकांड के बाद शहर की जनता की SP से अपील रही की हर बार TI को बदलना नगर की कानून व्यवस्था का कोई ठोस हल नहीं हैं।इस समय जरूरत हैं पिपरिया की पुलिसिंग को पूरी तरह बदलने की क्योंकि जिन अपराधियों में पुलिस का भय होना चाहिए वह पुलिस के निचले स्टाफ के साथ सरेराह गलबहियां करते हुए नजर आते हैं।स्टाफ के साथ उनकी गाड़ियों में घूम कर कानून का ना केवल मजाक उड़ा रहे हैं बल्कि जनता के दिल में पुलिस की इज्जत कम कर रहे हैं। पिपरिया में जुआड़ी और सटोरिये पुलिस वालों को होटलों में ना केवल चाय नाश्ता कराते देखे जा सकते हैं।बल्कि रात में होने वाली महफ़िल में भी शामिल कर लिया करते हैं।बीट प्रभारी को जंहा अपने इलाके की गुंडा लिस्ट अपडेट रखना होता हैं।परंतु पिपरिया में यह बीट प्रभारी अवैध उत्खनन करने वाले ट्रेक्टर-ट्राली चालकों की सूची को अपने मोबाइल की फोनबुक में सूचीबद्ध करते हुए नजर आते हैं।वही नशे के सौदागरों को हर पुलिस वाला पहचानता तो हैं परंतु PNDT एक्ट के तहत होने वाली सघनन लिखा पढी के चक्कर मे इन अपराधियो पर हाथ नहीं डालना चाहता हैं।दूसरी ओर शहर की यातायात व्यवस्था में लगे स्टाफ को भी नियंत्रण में करना होगा क्योंकि यह स्टाफ भी सीधे साधे लोगो को परेशान कर चालान काटता हैं।जबकी शहर में ओवर लोड ट्रेक्टर ट्राली और ट्रकों की धामा चौकड़ी से जनता परेशान हैं।यंहा गल्ला व्यापारियों की दादा गिरी के आगे ओवर लोड वाहन पुलिस वालों को दिखा ही नहीं करते हैं।

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