नर्मदा किनारे बने शौचालयो से दरवाजे गायब!
नर्मदा किनारे बने शौचालयो से दरवाजे गायब!
पिपरिया-: नर्मदा सेवा यात्रा से पहले आनन फानन में सांडिया के सीताराम घाट पर ग्राम पंचायत द्वारा कई शौचालय बनाये गए थे।यह नर्मदा तट पर सफाई रहे इस उद्देश्य से बनाये गए थे।परंतु आज इन शौचालयों की स्तिथी काफी दयनीय हो गई हैं।इन शौचालयो के दरवाजे ही गायब हैं।वही बिना दरवाजे के इनका कोई उपयोग नहीं कर पा रहा हैं।बिना दरवाजे के यह शौचालय स्वच्छ भारत मिशन पर काला धब्बा साबित हो रहे हैं।वही रोजाना अधिकारी पौधा रोपण से लेकर माँ नर्मदा से मनुहार लगाने के लिए तट पर जाते हैं।परंतु उनको यह बिना दरवाजे के शौचालय नहीं दिख रहे हैं।वही जनता की माने तो जब यह शौचालय बनाये जा रहे थे तब ही इनकी डिजाइन पर सवालिया निशान लगे थे क्योंकी इनमे शौच करने वालो को बैठने तक की दिक्कत होती हैं। अब कोई भी इन शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहा हैं।सीता राम घाट पर पूजन सामग्री बेचने वाले परिवार यही रहते परंतु अब वह भी नर्मदा किनारे खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
पिपरिया-: नर्मदा सेवा यात्रा से पहले आनन फानन में सांडिया के सीताराम घाट पर ग्राम पंचायत द्वारा कई शौचालय बनाये गए थे।यह नर्मदा तट पर सफाई रहे इस उद्देश्य से बनाये गए थे।परंतु आज इन शौचालयों की स्तिथी काफी दयनीय हो गई हैं।इन शौचालयो के दरवाजे ही गायब हैं।वही बिना दरवाजे के इनका कोई उपयोग नहीं कर पा रहा हैं।बिना दरवाजे के यह शौचालय स्वच्छ भारत मिशन पर काला धब्बा साबित हो रहे हैं।वही रोजाना अधिकारी पौधा रोपण से लेकर माँ नर्मदा से मनुहार लगाने के लिए तट पर जाते हैं।परंतु उनको यह बिना दरवाजे के शौचालय नहीं दिख रहे हैं।वही जनता की माने तो जब यह शौचालय बनाये जा रहे थे तब ही इनकी डिजाइन पर सवालिया निशान लगे थे क्योंकी इनमे शौच करने वालो को बैठने तक की दिक्कत होती हैं। अब कोई भी इन शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहा हैं।सीता राम घाट पर पूजन सामग्री बेचने वाले परिवार यही रहते परंतु अब वह भी नर्मदा किनारे खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
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