पिपरिया अस्पताल की हालत तो सुधरी ही नहीं "हुजूर"

पिपरिया अस्पताल की हालत तो सुधरी ही नहीं "हुजूर" 



पिपरिया--इलाके के सैकड़ों गाँवो में रहने वाले गरीब जिस सरकारी अस्पताल पर इलाज के लिए निर्भर हैं। उस अस्पताल की स्तिथी दिन ब दिन दयनीय होती जा रही हैं। कुछ दिन पहले ही पिपरिया SDM ने अस्पताल का दौरा कर मीडिया के सामने अस्पताल को सुधारने का काफी दम भरा था।इस दौरान कुछ तथाकथित समाजसेवी भी SDM के आगे पीछे दिखाई दिए।अस्पताल की दुर्दशा देख कर SDM व्यथित भी हुए और अस्पताल को सुधारने के सैकड़ो निर्देश एक साँस में ही दे डाले।परंतु इसके बाद भी सरकारी अस्पताल की व्यवस्था में कोई सुधार देखने को नहीं मिला।इसके उलट अस्पताल स्टाफ ने फटे गद्दों तक को बदलने की जेहमत नहीं उठाई।दुसरी ओर "नायक" फिल्म की तर्ज पर अस्पताल का दौरा करने वाले SDM भी दोबारा अस्पातल की व्यवस्था देखने नहीं पहुंचे। इलाके के जनप्रतिनिधियों के पास वैसे भी सरकारी अस्पताल में आने का समय नहीं हैं। हाल ही में इन जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल की रोगी कल्याण समिति की बैठक कर इलाज की फीस को दो गुना बढ़ा दिया।इस पर समिति का तर्क था की अस्पताल घाटे में जा रहा हैं।वही गरीबों का कहना हैं की हमारे जनप्रतिनिधी हर कार्य में मुनाफा कमाने के आदि हो चुके हैं फिर चाहे वह जनहित के कार्य ही क्यों ना हो वही अस्पताल में इलाज की फीस बढ़ाने के निर्णय का कोई ने भी विरोध नहीं किया। आम जनता का कहना हैं की "हुजूर" ने सरकारी अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओ को सुधारने का निर्देश तो दिया था परंतु इसमें व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो सका।वही इन दिनों पिपरिया SDM को घेरे हुए कुछ तथाकथित समाज सेवी भी अस्पताल सुधार में कोई योगदान नहीं दे सके जबकी SDM इनको हर कार्य में काफी तवज्जो दे रहे हैं।

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