क्या सिर्फ गले लगाने से दर्द कम हो जायेगा ?

क्या सिर्फ गले लगाने से दर्द कम हो जायेगा ?

6 दिन पहले सांडिया गांव में अनाज व्यापारी और संपन्न किसान रमेश चंद्र अग्रवाल के घर डकैतों ने हमला कर अग्रवाल की हत्या कर लगभग 5 लाख रूपये और डेढ़ किलो सोने के जेवरात पर हाथ साफ कर दिया था।पिपरिया के ग्रामीण परिदृश्य में अनेक  वर्षो बाद इस तरह की निर्मम घटना हुई थी।जिसको लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला।पिपरिया अस्पताल में नागरिकों की नाराजगी का यह आलम रहा की अग्रवाल समाज और परिजनों ने पोस्ट मार्टम के बाद अग्रवाल की लाश sp के मौके पर आने के बाद ही लेने की बात कही।पुलिस कप्तान आशुतोष प्रताप सिंह ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया और लोगो का आक्रोश कम करने के लिए अपने काबिल अतिरिक्त पुलिस अधीकक्षक शशांक गर्ग को मौके पर भेजा।अस्पताल में जब गर्ग का सामना परिजनों और नागरिको से हुआ तो लोगो ने स्थानीय पुलिस पर कई आरोप लगाए और तुरंत ही सांडिया चौकी स्टाफ पर कार्यवाही करने की बात कही।इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीकक्षक गर्ग ने अनाज व्यापारी के बेटे नीरज अग्रवाल को गले लगा कर सांत्वना देकर कहा था कि पुलिस आपके साथ हैं।हम आ गए हैं अपराधियों को पकड़ लेंगें आप विश्वास तो रखिये।इस दौरान अग्रवाल समाज के नागरिकों ने जब खुलासे की समय सीमा तय करने की मांग की थी तो पुलिस अधिकारियों ने 3 दिन का समय लिया था।3 दिन से ज्यादा हो चुका हैं।परंतु पुलिस के पास अभी कोई ठोस जवाब नहीं हैं।नागरिकों का कहना हैं की केवल गले लगा कर पीड़ितों का दर्द कम नहीं किया जा सकता हैं।पुलिस को कड़ी कार्यवाही करनी होगी।वही मामले में स्थानीय पुलिस अधिकारी तो रोज इसका खुलासा जल्द से जल्द होने की बात कह रहे हैं।वही अग्रवाल समाज भी इस मामले में क्यों मौन धारण किये हुए हैं।यह समझ से परे हैं।हालांकि sp आशुतोष प्रताप सिंह ने कहा था की समय सीमा में पुलिस की कार्यवाही को बांधा नहीं जा सकता हैं।sp के अनुसार ऐसे मामलों में मॉल की जप्ती बहुत ही मुश्किल का काम होता हैं।

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