कमाऊ "पूत" किसे अच्छे नहीं लगते...
कमाऊ "पूत" किसे अच्छे नहीं लगते...
पिपरिया: जिस तरह से घर में रह रहे 2 बेटों में से कमाने वाला बेटा माता-पिता को सबसे ज्यादा प्यारा लगता हैं वैसे ही इन दिनों पिपरिया के जनप्रतिनिधियों को mpeb के कमाऊ पूत कुछ ज्यादा ही प्यारे लग रहे हैं...यह कमाऊ पूत जनता को ना सिर्फ लतिया रहे हैं बल्कि लूट भी रहे हैं...इन कमाऊ पूतों के भरस्टाचार की जानकारी इलाके में इनके संरक्षक माने जाने वाले जनप्रतिनिधियों को छोड़कर सबको पता हैं....वही निक्कमे पुत्र की तरह रोज ठगा रही जनता की सुनने वाला कोई नहीं हैं....संग़ठन में बैठे पदाधिकारी भी इन जनप्रतिनिधियों के आगे बेबस दिखाई दे रहे हैं...निक्कमे पुत्रों ( मतदाताओं ) की माने तो बिजली बिल सुधरवाने के समय यदी अधिकारी हमको इंसान समझ कर बात करें तो उनका क्या चला जायेगा...वही हर उपभोक्ता को चोर घोषित करने वाले "कमाऊ पूतों" का जलवा देखना हो तो आप mpeb कार्यालय पहुँच जाएँ......निक्कमे पूतों (जनता ) की बात करने वालों की माने तो इलाके के जनप्रतिनिधि यह मान बैठे हैं की इस बार जनता पिछले बार के 50 हजार वोटो में से कितना भी प्यार कम करेगी और 50 हजार से ज्यादा वोट से जीते वाले को तो पहली ( मुख्यमंत्री के साथ) ही लिस्ट में टिकिट मिल जायेगी और फिर निक्कमी संतानों (मतदाताओ) को जुमलों से मना लिया जायेगा.......
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