हे श्रीकृष्ण इन "कन्हैयाओं" को भी खाने मिले माखन-मिश्री पिपरिया

हे श्रीकृष्ण इन "कन्हैयाओं" को भी खाने मिले माखन-मिश्री पिपरिया

शहर के मंगलवारा बाजार से लेकर तंग गलियों में इन दिनों जोर जोर से आवाज आ रही हैं लेओ कन्हैया जी के पाट, लेओ कन्हैया जी के पाट (यह वो पोस्टर हैं जिनमे श्रीकृष्ण के विभिन्न मुद्राओ वाले फोटो हैं ) बाजार में या घर से निकल कर जब इन पाट को बेचने वालों को आप देखेंगे तो यह 10-12 साल के वे बच्चे हैं जो इन पोस्टर को थोक की दुकान से लेकर जनता के बीच फुटकर में बेच रहे हैं...जन्माष्टमी पर पिछले कई दशकों से इस तरह के बच्चे यही जतन करते हुए देखे जा सकते हैं....बाजार में यदी आप खड़े हैं तो ऐसे कई "कन्हैया" आपको घेर लेंगे की भैया ले लो कन्हैया जी के पाट.... कई लोग तो इनकी मासूमियत देखकर इनको खरीद रहे हैं तो वही अधिकांश "जन्माअष्टमी"पर इनकी (पोस्टर की )पूजन करते चले आ रहे हैं...वही जैसे-जैसे जन्माष्टमी नजदीक आती जायेगी इनके पोस्टर की कीमत कृष्ण भक्त कम आंकने लगते हैं...मोल भाव करते समय लोगो का कहना होता हैं की "छोटू" क्या करोगे पोस्टर का अब कोई नहीं लेगा तू तो 3 रूपये में ही दे दे...बेचारे छोटू करें तो क्या करें बोलते हैं अच्छा ले लो।पढ़े-लिखे जनप्रतिनिधि जब इन "कन्हैयाओं" को पोस्टर बेचते देखते हैं तो सूबे के मामा "शिवराज सिंह चौहान" की कई योजनाओं की बात करते हुए देखे जाते हैं पर सही में मध्य-प्रदेश में यह योजनाएं सिर्फ बातों में लागू होती दिख रही हैं...तो फिर इस बार जन्माष्टमी को यदी आप श्रीकृष्णा को माखन-मिश्री का भोग लगाएं तो पिपरिया के इन "कन्हैयाओं" को सचमुच में खाने के लिए माखन-मिश्री मिले ऐसी दुआ जरूर करें....

No comments

Powered by Blogger.